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'किसान को हमने समाज का अंतिम व्यक्ति बना दिया है', एक बार फिर मुखर हुए वरुण गांधी

发表于 2023-09-23 22:21:05 来源:रशिया युक्रेन युद्ध
उत्तर प्रदेश में बरेली की मंडियो के दौरे पर निकले वरुण गांधी (Varun Gandhi) शुक्रवार को एक बार फिर किसानों (Farmers) के मुद्दे पर मुखर हुए. कभी अफसरों के पेच कसे तो कभी इशारों-इशारों में अपनी ही सरकार की नाकामी उजागर की. इसी दौरान वरुण ने आजतक से भी बातचीत की.अपने लोकसभा की बहेड़ी और पीलीभीत जिले की मंडियों के निरीक्षण पर निकले वरुण गांधी ने बहेड़ी की विधानसभा की मंडियो और खरीद केंद्रों का निरीक्षण किया तो उन्हें कई जगह कांटे ही नहीं लगे मिले. इस पर उन्होंने अफसरों की जमकर क्लास ली,किसानकोहमनेसमाजकाअंतिमव्यक्तिबनादियाहैएकबारफिरमुखरहुएवरुणगांधी साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. ऐसे किसी भी मामले में कोर्ट का सहारा ले कर ऐसे लोगो को जेल भिजवाऊंगा. इस दौरान वरुण ने आजतक के कुछ सवालों का जवाब भी दिया. सवाल नाराजगी का नहीं है, सवाल यह है कि जो उत्तर प्रदेश में खेती प्रणाली है, मैं मानता हूं टूटी है. आज आप काश्तकार का हाल देखें, प्राकृतिक आपदाओं के कारण फ़र्टिलाइज़र ना मिलने के कारण उनकी हालत ख़राब है. वहीं डीजल-पेट्रोल के दाम के कारण किसान वैसे ही परेशान है उसके बाद जब उसका सीजन होता है तो किसान मंडी पहुंचता है. अभी धान का समय है. सरकार ने धान का 1940 का रेट तय किया है, लेकिन एक भी किसान ने तय रेट पर अपना धान नहीं दिया है. अब सवाल यह है कि जवाबदेही किसकी बनती है और पारदर्शिता कितनी है. आज यह स्थिति क्यों है कि मोहम्मदी में किसान अपने धान को आग लगा रहा है, पीलीभीत में आग लगा रहा है, मैगलगंज में आग लगा रहा है. 18 जगह किसान आग लगा रहा है. किसान का अपने धान को आग लगाना ऐसा है जैसे एक मां अपने बच्चे को आग लगाती है. मैं यह कहूंगा कि दो काम हो सकते हैं, पहले तो टेक्नोलॉजी के सहारे हर सेल और परचेस का रिकॉर्ड हो, जो आज बहुत मुश्किल काम नहीं है. फोन पर हो सकता है. ठीक से काम होगा. भ्रष्टाचार घटतौली तो चलो इस चीज में लागू नहीं होती, औरों में होती है और पकड़ी जाएगी. जैसे ही यह होगा, पारदर्शिता और जबाबदेही अपने आप बढ़ेगी और किसानों को न्याय मिलेगा. जब हम किसी व्यक्ति पर व्यवस्था को छोड़ते हैं तो इंसान कहीं ना कहीं अपना फायदा देखने लगता है, माफी चाहता हूं. मैं मुद्दों पर राजनीति करता हूं. आपने कभी मुझे पर्सनल अटैक करते हुए या किसी का नाम लेते हुए देखा? मैं मुद्दों की राजनीति करता हूं. मैं राजनीति में आया हूं इस अंधकार में एक मशाल बनने के लिए, अगर मैं केवल और केवल जगह घेरने के लिए आया हूं तो मुझे राजनीति छोड़ देनी चाहिए. जब मेरे मन कोई ऐसा विचार आता है जिससे राष्ट्र हित हो जन सरोकार का मुद्दा हो तो मैं उसको रखता हूं और वो भी एक मर्यादित तरीके से. किसान हमारी सबसे बड़ी ताकत है, हम लोगों को अब यह मन बड़ा करके सोचना चाहिए. यहां हम बड़े कि तुम बड़े की लड़ाई है. किसानों की लड़ाई राष्ट्र की लड़ाई है, भविष्य-देश की लड़ाई है. हमारे बच्चों की भविष्य की लड़ाई है. अगर किसान असुरक्षित होगा, पीड़ित होगा और उसका उत्पीड़न होगा तो भारत कभी भी विश्व गुरु नहीं बन सकता. पहले बातचीत तो हो. बातचीत का क्रम तो टूट गया है. बीच का रास्ता निकलना ही निकलना है. आखिर सब लोग देश की लड़ाई लड़ रहे हैं. देश हित की बात कर रहे हैं. देखिए जो संदेश मुझे देना है मैं शुरु से ही दे रहा हूं. मेरा संदेश नहीं है, मेरा निवेदन है और मेरा निवेदन विनम्रता पूर्वक है कि हम लोग जो परिकल्पना कर रहे हैं, एक भारत की, एक विश्व गुरु की, एक वर्ल्ड पॉवर की... वह तभी हो पाएगा जब समाज का अंतिम व्यक्ति आगे बढ़े. आज किसान को हमने समाज का अंतिम व्यक्ति बना दिया है. कोई भी किसान का बच्चा आज काश्तकारी नहीं करना चाहता. जब तक ये सिस्टम बना रहेगा तब तक हमारा देश अपने सपनों का भारत नहीं बन सकता है. यही मेरा निवेदन है, यही मेरा आग्रह है.
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