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ब्लू-फिल्म देखती नीलम को चोदा

来源:रशिया युक्रेन युद्ध   作者:चंद्र ग्रहण का समय   时间:2023-09-17 17:15:45
हैलो… मेरा नाम रोहित है और यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है.. इसका कोई भी किरदार सच्चा नहीं है।मेरी उम्र 22 साल है.. मेरा लण्ड 6 इंच लम्बा है। इस कहानी की नायिका नीलम की उम्र 21 साल है.. वो एकदम गोरी दूधिया रंगत लिए हुए 34-23-34 के फिगर वाली एक मस्त माल है।नीलम मुझसे एक साल छोटी थी.. जिसकी वजह से वो मुझसे एक क्लास पीछे थी,ब्लूफिल्मदेखतीनीलमकोचोदा वो दूसरे स्कूल में पढ़ती थी।पहली बार मैंने उससे पहली बार टयूशन पर देखा था। उस दिन ब्लैक टॉप और ब्लू जीन्स में वो एक गदर माल दिख रही थी, उस पर उसके ब्लैक टॉप में एक बहुत बड़ा कट था.. जो उसकी कमर को दिखा रहा था।उस टाइम मैंने पहली बार उसे देखा था। मैं उस पर लट्टू हो गया। किस्मत से वो और मैं एक साथ साइन्स की टयूशन पढ़ने लगे.. पर मुझे पता न था कि उसके साथ आगे कुछ ऐसा होगा। वो हमारी साइड वाली गली में रहती थी.. पर उस टाइम मैं नादान था.. इसलिए कुछ न कर पाया और उसकी एक-दो किस लेकर रह गया था।जब मैं 20 साल का हुआ.. तो उसका और मेरा दोनों का घर बदल गया।अब वो मेरे सामने वाले घर में रहने लगी। जब मुझे पता चला तो मैं बहुत खुश हुआ। लेकिन मुझे कुछ दिनों बाद यह भी पता चला कि उसका एक ब्वॉय-फ्रेण्ड भी है..मैंने कुछ न कहा.. मैंने धीरे-धीरे उसके भाई से दोस्ती बढ़ाई.. जिसके कारण मेरी उससे बात होना शुरू हो गई।बात होना शुरू हुई.. कुछ दिन ही ‘हैलो-हाय’ चली.. क्या करती हो? ब्वॉय-फ्रेण्ड है? या गर्ल-फ्रेण्ड है? इसी तरह से बातें खुलने लगीं।लेकिन एक दिन एक घटना घट गई। मैं घर पर बोर हो रहा था.. मैंने सोचा मैं सामने जाकर उसके भाई के साथ कुछ खेल लूँगा.. लेकिन जब मैं गया तो दरवाज़ा हल्का सा खुला था और वो ड्रेस बदलती दिख रही थी। उसका घर इसलिए खुला रहता था क्योंकि उसका बाप घर के बाहर एक दुकान चलाता था और मुझे अच्छे से जानता था.. इसलिए वो मुझे रोकता न था।अब जब मेरा ध्यान गया कि वो कपड़े बदल रही है। उसका नंगा जिस्म देख कर मेरा लण्ड खड़ा होने के लिए उबाल मारने लगा था। मैंने थोड़ी हिम्मत करके गेट खोल दिया और अब मैं उसको टॉपलेस देख रहा था।वो मुझे सामने पाकर अपने चूचे छुपाने लगी.. पर वो छुप ही नहीं पा रहे थे।उसने गुस्से में मुझे देखा और मुझे भगा दिया।मैं डर कर भाग आया।अगले दिन उसका भाई मुझे फिर उसी कमरे में अपनी बहन के सामने ले आया। लेकिन आज वो कुछ नहीं बोली.. ना मैं कुछ बोला। हम दोनों के बीच अलग सा सन्नाटा था।फिर मैंने उसके भाई से पानी माँग लिया.. वो पानी लेने गया.. इतने में वो मुझसे बोल पड़ी- कल के इन्सिडेंट के बारे में किसी को मत बताना।मैंने भी ‘हाँ’ में सिर हिला दिया।पर जो मैंने टॉपलेस सीन देखा था.. वो कैसे भूल जाता.. इसलिए मैंने बोला- एक शर्त पर..वो बोली- क्या??मैं हल्का सा हिचकिचाते हुए बोला- मैं तुम्हें ब्रा और पैन्टी दिला कर लाऊँगा।उसने मना कर दिया।खैर.. दो दिन बाद मुझे मालूम हुआ कि वो अपनी माँ की तबियत खराब होने की वजह से वो हॉस्टल नहीं जा पा रही थी।उस दिन मैं उसके घर गया तो उसने मुझे ये बात बताई थी।उस दिन उसके पिताजी नीचे दुकान में कुछ काम कर रहे थे.. भाई कुछ काम से बाहर गया था।नीलम को मार्केट से कुछ सामान लाना था, उसने मुझसे कहा तो मैंने चलने के लिए ‘हाँ’ कह दिया।उसने अपने बाप से पूछा और अंकल ने मुझे उसके साथ भेज दिया। अब वो और मैं बाइक पर चले दिए.. जहाँ से हमने सामान खरीदा..वहाँ गारमेंट्स की भी शॉप थी.. मैं वहाँ चला गया और ऐसे ही फैन्सी ब्रा और पैन्टी की पूछने लगा।अभी मैंने ब्रा का साइज़ बोला ही था- आप 32 साइज़ में दिखा दो..इतने में वो आ गई।मैं उसे देख कर डर गया।वो बोली- यहाँ पर क्या कर रहे हो?इतने में वो शॉपकीपर बोला- लो देख लो, यह 32 नम्बर की ब्रा हैं..उसने सुना.. तो वो वहीं सुनाना शुरू हो गई.. मैं शांत रहा।मैंने बोला- कोई बात नहीं.. अब आए हैं तो खरीद लो न..वो मना कर रही थी।मैंने दुकानदार को नीलम की फिगर देख कर ब्रा और पैन्टी निकलवा ली। उसने 34-23-34 का फिगर देख कर साइज़ बताया और ब्रा और पैन्टी निकाल कर दे दी।जो भी पेमेंट बना… मैंने शॉपकीपर को दिया और हम दोनों आने लगे।अब पूरे रास्ते बोलने लगी।मैंने कहा- मैंने टॉपलेस देखा है तुझे..!वो शर्मा कर लाल हो गई और फिर पूरे रास्ते कुछ न बोली।जब हम दोनों घर पहुँचे तो मैंने उससे ब्रा और पैन्टी दे दी।मैंने देखा उसका भाई कहीं गया है, मैं चुपके से उसके घर में गया, नीलम लेटी हुई थी वो मुझे देख कर बोली- आ जा..मैं बोला- तूने ब्रा और पैन्टी डाल कर देखी है?मेरे गाल पर एक थप्पड़ आया. मैं 5 मिनट तक सोचता रहा कि ये क्या हुआ?फिर वो बोली- तुझे तमीज़ नहीं है।पर अब मैं बदतमीज़ ही हो गया था.. जब वो नहाने गई.. तो मैं उधर ही था। मैंने उसकी पैन्टी और ब्रा बदल दिए और स्लिप लगा दी कि बस यही पहन कर आना।पर वो न मानी और बोली- आगे ऐसी हरकत की.. तो सबको बता दूँगी।मैं चुपचाप चला गया।एक दिन वो अपने ऊपर वाले कमरे में लेटी थी.. वेस्टर्न ड्रेस में फाड़ू माल लग रही थी.. उसमें से उसकी पैन्टी दिख रही थी।मेरा लण्ड खड़ा हो गया, मैंने देखा वो हेड फोन लगा कर लेट कर ब्लू-फिल्म देख रही थी..पर मैंने कुछ न कहा, नीचे से दिखती हुई उसकी पैन्टी में हाथ लगाना शुरू किया..उसे लगा कि ये उसका वहम है लेकिन उसको जब उसको ज्यादा लगा.. तो खड़ी होने लगी।मैं फट से दुबक गया.. वो इधर-उधर देखने लगी।फिर उसने मुझे हल्का सा देख लिया.. वो गुस्से में आ गई।जब वो बोलने ही वाली थी.. मैंने ज़बरदस्ती उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया। मुझको देख कर पीछे धक्का देने लगी.. पर मैं न माना.. और ज़बरदस्ती उसकी ड्रेस उतारने लगा।उसकी ड्रेस हल्की सी फट गई। फिर थोड़ी और ज़बरदस्ती करके ड्रेस उतार दी। वो सिर्फ़ पैन्टी और ब्रा में रह गई थी। कमाल की बात यह थी कि वो चिल्ला नहीं रही थी।मैं उसके चूचे मसल रहा था.. होंठ से होंठ भिड़ाए था। करीब 5 मिनट बाद जब वो गरम हो उठी.. तो उसने मेरा साथ देना शुरू कर दिया.. क्योंकि उसका दिमाग ब्लू-फिल्म देखने की वजह पहले ही गरम था।जब मैंने उसकी ब्रा उतारी तो उसके चूचे हवा में उछलने लगे।मैं एक चूचा चूस रहा था और दूसरा मसल रहा था। मैंने दूसरा हाथ उसकी पैन्टी के अन्दर डाल कर उसकी चूत में फेरना शुरू कर दिया।उसकी कामुक आवाजें निकलना शुरू हो गईं- आहा.. इयाअ.. आआहाआ..उसकी मादक किलकारियाँ निकलने लगीं, वो बोलने लगी- डाल दे लण्ड..उसने मेरा लण्ड अभी तक न देखा था.. पर जब उसने मेरा लण्ड पैन्ट में से निकाला और देखा.. तो वो इतना बड़ा लण्ड देख कर घबरा गई, बोली- इतना बड़ा लण्ड..!पर गरम होने की वजह से वो हर हाल में लण्ड को चूत में लेना चाहती थी लेकिन उसे ये भी लग रहा था कि चूत में इतना बड़ा जाएगा कैसे।मैंने सबसे पहले उससे बोला- तू लण्ड चूस।तो वो बिना कुछ कहे मेरा लवड़ा चूसने लगी। कुछ देर ऐसे चूसते हुए ही हुआ था कि मेरे लण्ड का माल पानी उसके मुँह में ही झड़ गया.. जिसे वो मस्ती में खा गई।कुछ देर बाद मैंने उसकी गरम चूत पर लण्ड फिक्स किया और पहला धक्का मारा.. जिससे मेरा थोड़ा सा लण्ड उसकी चूत में घुस गया।मैंने ऐसा सुना था चूत में लण्ड जाता है तो ब्लड निकालता है.. पर वैसा कुछ न हुआ।मैंने अधिक न सोचते हुए 3-4 धक्के मार दिए.. वो कराहने लगी.. चिल्लाने लगी थी.. पर उसके मुँह पर मैंने हाथ रख दिया था। कहीं उसका बाप सुन लेता तो सब गड़बड़ हो जाती।मैं हैरान था कि खून क्यों नहीं निकला। पर मैंने बोला कुछ नहीं.. लेकिन जब लण्ड निकाला तो पूरा खून में सना हुआ था। तभी उसका भी झड़ना शुरू हो गया।कुछ देर ऐसा ही चला.. फिर उसे चुदने में मजे आने लगे।इस तरह चूत चोदने के बाद दोनों थक चुके थे, अब मैं उसकी गाण्ड मारने की सोच रहा था कि तभी उसके भाई की आवाज़ आ गई।आप समझिए कि हम दोनों ने खूब मस्ती की, हम दोनों कपड़े पहन कर ठीक हुए और बैठ कर बातें करने लगे।फिर तब से जब भी वो फ्री और घर में कोई न होता.. वो आ जाती.. या मैं चला जाता।यह सिलसिला यूँ ही चलता रहा।कहानी पसंद आई? मुझे ईमेल करें।[email protected]

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