अभी तक आपने पढ़ा..अब आगे..रोमा- देख लिया ना.. ये गहरी नींद में है.. अब तो दरवाजा भी बन्द है.. चलो मुझे प्यार दो अब..नीरज- मेरी जान.. इतनी भी क्या जल्दी है.. अभी तो पूरी रात पड़ी है..रोमा- अब चलो ना प्लीज़.. मेरे प्यारे जानू हो ना आप..नीरज- चल मेरी जान.. आज लौड़े में एक्सट्रा पावर है.. तुझे खूब चोदूँगा आज.. तेरी चूत की धज्जियां उड़ा दूँगा मैं..वो दोनों वहाँ से निकल कर दूसरे कमरे में चले गए। रोमा ने नाईटी निकाल फेंकी.. अन्दर उसने कुछ नहीं पहना हुआ था।नीरज- अरे वाह.. क्या बात है मेरी जान.. चुदने के लिए बहुत उतावली हो रही हो.. ले तेरा प्यारा लंड भी आज़ाद हो गया.. आ जा चूस ले..नीरज ने बोलने के साथ ही अपने कपड़े भी निकाल दिए।रोमा जल्दी से भाग कर नीरज के गले से लिपट गई.. लौड़ा चूत पर सैट हो गया.. वो दोनों चूमाचाटी में गुथ गए.. करीब 5 मिनट के लंबे किस के बाद दोनों पलंग पर चले गए और वहाँ जाते ही रोमा 69 के पोज़ में हो गई। अब दोनों एक-दूसरे के लंड और चूत को चाट कर मज़ा ले रहे थे।कुछ देर की चुसाई के बाद चुदाई शुरू हो गई।नीरज के दिमाग़ में बस टीना घूम रही थी.. वो रोमा को घोड़ी बना कर स्पीड से चोद रहा था। इधर रोमा भी वासना की आग में.. गाण्ड हिला-हिला कर चुद रही थी।ये चुदाई करीबन 25 मिनट तक चली.. उसके बाद दोनों ठंडे हो गए। अब दोनों एक-दूसरे को बाँहों में लिए पड़े हुए बातें कर रहे थे।रोमा- जानू आज बहुत मज़ा आया.. मुझे आप मेरे ही घर में आकर मुझे चोद रहे हो.. वाऊ.. मैंने सोचा नहीं था कि कभी ऐसा भी होगा..नीरज- अरे मेरी जान.. आगे-आगे देख और क्या-क्या मज़ा देता हूँ।रोमा- आई लव यू जानू.. आप बहुत अच्छे हो..नीरज- अच्छा रोमा,बहनकालौड़ा ये बता टीना का कोई ब्वॉय-फ्रेण्ड है क्या.. ये भी किसी से चुदवाती है क्या?रोमा- छी: आप भी कैसी बात करते हो.. उसका कोई ब्वॉय-फ्रेण्ड नहीं है।नीरज- अरे इसमें छी: क्या है.. कभी ना कभी तो किसी से चुदवाना ही पड़ेगा उसको..रोमा- आप बहुत बेशर्म हो..नीरज- वो तो मैं हूँ.. वैसे एक बात है.. टीना के मम्मे तुमसे छोटे हैं।रोमा- जानू प्लीज़.. मुझे ये सब पसन्द नहीं है.. आप बस मेरे बारे में बोलो.. टीना मेरी बेस्ट-फ्रेण्ड है.. उसके बारे में ऐसी गंदी बात मत करो..नीरज- अरे नाराज़ क्यों होती हो.. मैंने तो बस ऐसे ही कहा था..रोमा- अच्छा ठीक है.. मगर दोबारा मत करना..नीरज- अरे नहीं करूँगा.. अभी मेरी एक बात मानोगी?रोमा- क्या है बोलो?नीरज- यार आज तेरी चूत पर बाल हैं तो चाटने में मज़ा नहीं आया.. तुम ऐसा करो.. चूत के साथ हाथ-पाँव के बाल भी साफ कर लो.. आज मैं तुम्हारे पूरे जिस्म को चाटूँगा..रोमा- क्या अभी साफ करूँ.. नहीं जानू अभी बहुत वक्त लगेगा..नीरज- बस.. क्या मेरी जान.. मेरे लिए इतना नहीं कर सकती.. और वक्त लगता है तो लगने दो.. पूरी रात बाकी है.. अभी तो हम लोग खूब मज़ा करेंगे।रोमा- ठीक है.. मगर इतनी देर आप यहाँ बैठ कर अकेले क्या करोगे.. मेरे साथ बाथरूम आ जाओ.. तुम अपने हाथों से मेरे बाल साफ करना।नीरज- अरे नहीं यार.. मैं थोड़ा थका हुआ हूँ.. तुम जाओ.. आराम से बाल साफ करके आओ.. इतनी देर में थोड़ा आराम कर लेता हूँ।रोमा ने थोड़ी ज़िद की.. मगर नीरज जैसे चालाक इंसान के लिए उसको मनाना कोई बड़ी बात नहीं थी। उसने रोमा को भेज दिया और खुद नंगा ही पड़ा रहा और झूठ-मूट आँखों पर हाथ रख कर सोने का नाटक करने लगा।दोस्तो, कितने पार्ट निकल गए आपने राधे और मीरा के बारे में नहीं सोचा.. अब रोमा तो सफ़ाई अभियान में लग गई.. तो चलो इस वक़्त हमारे हीरो और हीरोइन को देख आते हैं, वहाँ क्या चल रहा है।राधे और मीरा कमरे में बैठे बातें कर रहे थे।मीरा- मेरे प्यारे पतिदेव.. क्या हुआ.. जब से बाहर से आए हो.. मुँह लटका हुआ है.. कुछ बात है तो बता दो.. मैं तुम्हारी पत्नी हूँ.. कोई और नहीं हूँ.. समझे..राधे- अरे अब क्या बताऊँ मैं.. तुम सुनोगी तो तुम्हें भी टेंशन होगा..मीरा- अरे बताओ ना प्लीज़.. क्या हुआ?राधे- नीरज का फ़ोन आया था.. बोल रहा था कि कल कोई जरूरी बात करने यहाँ आ रहा है..मीरा- अरे तो इसमें टेंशन वाली क्या बात है.. वो तुम्हारा दोस्त है.. आने दो मिल लेना उससे..राधे- नहीं मीरा.. तुम नहीं जानती लालच ऐसी बीमारी है.. जो इंसान को सब रिश्तों से दूर कर देती है.. लालची आदमी कभी किसी का दोस्त या रिश्तेदार नहीं होता.. नीरज को पैसों की लत लग गई है और ये बात मैं जानता हूँ.. वो उन पैसों से ऐय्याशी कर रहा होगा और कल भी वो और पैसे माँगने आ रहा है।मीरा- क्या बात कर रहे हो.. कल ही तो 5 लाख दिए.. एक ही दिन में थोड़ी वो पैसे माँगने आएगा.. कोई और बात होगी शायद।राधे- मीरा तुम अभी इतनी बड़ी भी नहीं हुई कि ये सब समझ सको.. जरूर नीरज कोई बड़ा गेम खेल रहा है और इसी लिए उसको वो 5 भी कम पड़ रहे है। देख लेना वो कल पैसे ही माँगेगा..मीरा- अरे ऐसे-कैसे माँगेगा.. कोई ज़बरदस्ती है क्या.. ऐसा करो कल मैं भी साथ चलूंगी और मेरे सामने उससे बात करना..राधे- हाँ ये ठीक रहेगा.. तुम साथ रहोगी तो उसको कुछ शर्म भी महसूस होगी और शायद वो पैसे ना माँग पाए.. मगर वो कितना भी कहे मुझे अकेले में ले जाकर बात करने को.. तुम मानना मत ओके..मीरा- ओके मेरे आशिक जी.. ओके.. अब तो मूड ठीक करो अपना..राधे- अब मूड कैसे ठीक होगा.. ये कोई मेरे बस का नहीं.. बस अब तो कल उससे मिलने के बाद ही ठीक होगा।मीरा- मैं जानती हूँ.. आपका मूड कैसे ठीक करना है.. बस 2 मिनट रूको मैं अभी आई..दोस्तो, उम्मीद है कि आप को मेरी कहानी पसंद आ रही होगी.. मैं कहानी के अगले भाग में आपका इन्तजार करूँगी.. पढ़ना न भूलिएगा.. और हाँ आपके पत्रों का भी बेसब्री से इन्तजार है।[email protected]