भारतीय टीम का दबदबा क्रिकेट के सभी प्रारूप में देखने को मिला है और कई ज्यादा रिकॉर्ड भारतीय खिलाड़ियों के नाम ही हैं। इसी वजह से भारत में फैंस भी क्रिकेट को एक धर्म की तरह देखते हैं और जब भारत की हार-जीत के साथ फैंस के इमोशन बदलते रहते हैं।जब भी भारतीय टीम अच्छा करती है,भारतीयटीमकेदिग्गजखिलाड़ीजिन्हेंखराबपारीकेकारणफैंसकेगुस्सेकासामनाकरनापड़ाथा
तो फैंस अपने खिलाड़ियों की तारीफ करने की कसर नहीं छोड़ते हैं और जब वो अच्छा करने में नाकाम होते हैं, तो वो हद से ज्यादा आलोचना भी करते हैं। 2007 वर्ल्ड कप सभी को याद है, जब भारतीय टीम बांग्लादेश के खिलाफ हारकर पहले दौर से ही बाहर हो गई थी, तो पूरी टीम की काफी आलोचना हुई थी य़युवराज सिंह ने तूफानी पारी खेलते हुए रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को दिलाई थी जीत, आखिरी ओवर में जड़े थे 4 छक्केहालांकि आलोचना सिर्फ टीम तक ही नहीं रुकती, बल्कि जब कोई खिलाड़ी अच्छा नहीं कर पाता है, तो उन्हें फैंस के गुस्से का सामना करना पड़ता है।आइए नजर डालते हैं 3 भारतीय खिलाड़ियों द्वारा खेली गई पारियों, जिनके बाद उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था:भारत और श्रीलंका के बीच 2014 टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल बांग्लादेश में खेला गया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए 11वें ओवर में युवराज सिंह बल्लेबाजी करने आए। एक तरफ जहां विराट कोहली शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन युवराज सिंह का दिन बल्ले के साथ कुछ खास नहीं कर पाए थे। युवराज सिंह ने 21 गेंदों में 52.38 के स्ट्राइक रेट से सिर्फ 11 रन बनाए। इसी पारी के कारण भारत सिर्फ 130-4 का स्कोर बना पाया और अंत में इस मैच को 6 विकेट से हारकर खिताब जीतने से चूक गए थे।युवराज सिंह की इस पारी के बाद काफी आलोचना हुई थी और यहां तक कि चंडीगढ़ में फैंस ने उनके घर में पथराव तक भी किया था। युवराज सिंह ने खुद भी इसको लेकर काफी निराशा जाहिर की थी और कहा था कि उन्हें विलन जैसा महसूस हुआ। यहां तक कि जब वो भारत आए, तो मीडिया ने उन्हें घेर लिया था। फैंस यह बात भूल गए कि 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वर्ल्ड कप जिताने में युवराज सिंह का ही अहम योगदान रहा था। इसके अलावा भी उन्होंने भारत को कई यादगार जीत दिलाई हैं।
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